मॉडुलन (Modulation) or मॉडुलन के प्रकार
मॉडुलन (Modulation)
- जब किसी उच्च आवृत्ति वाली रेडियो तरंग के कुछ अभिलक्षणों (characteristics) जैसे आयाम, आवृत्ति अथवा कला (amplitude, frequency अथवा phase) में श्रव्य सिग्नल (audio signal) के तात्कालिक मान के अनुसार परिवर्तन होता है तो यह प्रक्रिया (process) मॉडुलन (modulation) कहलाती है तथा मॉडुलित तरंग से मूल श्रव्य सिग्नल प्राप्त करने की प्रक्रिया संसूचन (detection या demodulation) कहलाती है।
Types of Modulation
- आयाम मॉडुलन – (Amplitude Modulation)
- आवृत्ति मॉडुलन – (Frequency Modulation)
- कला मॉडुलन – (Phase Modulation)
1. आयाम मॉडुलन (Amplitude nodulation)
- जब वाहक तरंग का आयाम, मॉडुलक सिग्नल (modulating signal) के तात्कालिक मान के अनुसार परिवर्तित होता है जबकि वाहक तरंग की आवृत्ति तथा कला स्थिर रहते हैं। इस प्रकार के मॉडुलन को आयाम मॉडुलन कहते हैं।
2. आवृत्ति मॉडुलन (Frequency Modulation) –
- जब वाहक तरंग की आवृत्ति, मॉडुलक सिग्नल के तात्कालिक मान के अनुसार परिवर्तित होती है जबकि वाहक तरंग की कला तथा आयाम स्थिर रहते हैं तो इस प्रकार के मॉडुलन को आवृत्ति मॉडुलन (FM) कहते हैं।
आवृत्ति मॉडुलन तथा आयाम मॉडुलन की तुलना (Comparison of Frequency – Modulation and Amplitude Modulation)
- (i) FM प्रसारण ट्रांसमीटर UHF (Ultra High Frequency) परास में कार्य करते हैं। इन उच्च आवृत्तियों पर AM प्रसारण ट्रांसमीटर के लिए प्रयोग की जाने वाली MF (Medium Frequency) तथा HF (High Frequency) परास की तुलना में शोर (noise) बहुत कम होता है।
- (ii) FM में शोर (noise) कम होने के कारण सिग्नल/शोर अनुपात AM की तुलना में अधिक होता है।
- (iii) FM में आवृत्ति विचलन को बढ़ाकर शोर को कम किया जा सकता है जबकि AM में यह गुण नहीं होता है।
- (iv) FM प्रसारण में UHF परास प्रयुक्त होने के कारण FM में अन्तरिक्ष तरंग संचरण प्रयोग करते हैं। इस प्रकार प्रसारण सेवा क्षेत्र Line of Sight (LOS) तक सीमित होता है जिससे बहुत से FM ट्रांसमीटर, समान आवृत्ति पर बिना किसी व्यवधान (interference) के एक साथ कार्य कर सकते हैं।
- (v) FM तरंग में औसत सामर्थ्य, वाहक तरंग की सामर्थ्य के समान होती है। परन्तु आवृत्ति मॉडुलन की हानियाँ भी हैं
- (a) FM में विस्तृत चैनल (200 kHz) की आवश्यकता होती है जबकि AM के लिए चैनल चौड़ाई मात्र 15 kHz की आवश्यकता होती है।
- (b) FM में अभिग्रहण (reception) LOS (Line of Sight) तक ही सीमित होने के कारण सीमित, होता है। अत: FM में अभिग्रहण का क्षेत्र AM की तुलना में बहुत छोटा होता है।
मॉडुलन की आवश्यकता (Need of Modulation)
- श्रव्य सिग्नलों (audio signals) को वैद्युत सिग्नल में परिवर्तित करके सीधे ही ट्रांसमीटर के प्रेषण (transmitting) ऐन्टीना द्वारा प्रेषित नहीं किया जा सकता है। इसके लिए श्रव्य सिग्नलों को उच्च आवृत्ति की रेडियो तरंगों के साथ अध्यारोपित किया जाता है। इन रेडियो तरंगों को वाहक तरंगें (carrier waves) कहते हैं तथा यह प्रक्रिया मॉडुलन कहलाती हैं।