कारक ( KARAK )
परिभाषा, भेद और उदाहरण : हिन्दी व्याकरण, KARAK IN HINDI
कारक क्या होता है?
· संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से वाक्य के अन्य शब्दों के साथ उसके सम्बन्ध का बोध होता है, उसे कारक कहते हैं। हिन्दी में आठ कारक होते हैं
· विभक्ति या परसर्ग-जिन प्रत्ययों से कारकों की स्थितियों का बोध होता है, उन्हें विभक्ति या परसर्ग कहते हैं।
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कारक के विभक्ति चिह्न या परसर्ग
कारक विभक्ति – संज्ञा अथवा सर्वनाम शब्दों के बाद ‘ने, को, से, के लिए’, आदि जो चिह्न लगते हैं वे चिह्न कारक ‘विभक्ति’ कहलाते हैं। अथवा – व्याकरण में शब्द (संज्ञा, सर्वनाम तथा विशेषण) के आगे लगा हुआ वह प्रत्यय या चिह्न विभक्ति कहलाता है जिससे पता लगता है कि उस शब्द का क्रियापद से क्या संबंध है।
कारक के उदाहरण
· राम ने रावण को बाण मारा।
· रोहन ने पत्र लिखा।
· मोहन ने कुत्ते को डंडा मारा।
कारक चिह्न स्मरण करने के लिए इस पद की रचना की गई हैं-
कर्ता ने अरु कर्म को, करण रीति से जान।
संप्रदान को, के लिए, अपादान से मान।।
का, के, की, संबंध हैं, अधिकरणादिक में मान।
रे ! हे ! हो ! संबोधन, मित्र धरहु यह ध्यान।।
विशेष – कर्ता से अधिकरण तक विभक्ति चिह्न (परसर्ग) शब्दों के अंत में लगाए जाते हैं, किन्तु संबोधन कारक के चिह्न-हे, रे, आदि प्रायः शब्द से पूर्व लगाए जाते हैं।
कारक के भेद
क्रम | कारक | चिह्न | अर्थ |
1 | कर्ता | ने | काम करने वाला |
2 | कर्म | को | जिस पर काम का प्रभाव पड़े |
3 | करण | से, द्वारा | जिसके द्वारा कर्ता काम करें |
4 | सम्प्रदान | को,के लिए | जिसके लिए क्रिया की जाए |
5 | अपादान | से (अलग होना) | जिससे अलगाव हो |
6 | सम्बन्ध | का, की, के; ना, नी, ने; रा, री, रे | अन्य पदों से सम्बन्ध |
7 | अधिकरण | में,पर | क्रिया का आधार |
8 | संबोधन | हे! अरे! अजी! | किसी को पुकारना, बुलाना |
Karak in Hindi Grammar PDF
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