राजसमंद जिले में पर्यटन की द्ष्टि से महत्वपूर्ण दर्शनिक स्थल
जिला-राजसमंद
राजसमंद झील
- महाराणा राजसिंह द्वारा सन् 1669 से 1676 तक के वर्षों में बनवाई गयी यह राजसमंद झील मेवाड़ क्षेत्र की विशालतम झीलों में से | एक है। राजसमंद झील का निर्माण गोमती नदी को दो पहाड़ियों के बीच में रोक कर किया गया है। कांकरोली व राजनगर (राजसमंद) इसी झील के किनारे स्थित हैं।
- झील के किनारे की सीढ़ियों को हर तरफ से गिनने पर योग नौ ही होता है और पाल पर नौ चौकियाँ बनी होने के कारण इसे ‘नौ चौकी’ नाम से भी जाना जाता है। ‘नौ चौकी की पाल’ भारतीय शिल्पकला की भव्यता तथा नक्काशी का उत्कृष्ट नमूना है।
- बाँध के ऊपर महाराणा सज्जन सिंह का बनाया हुआ महल भी है। महाराणा राजसिंह ने इस झील के लिये मेवाड़ का इतिहास भी संग्रह करवाया और रणछोड़ भट्ट तैलंग ने उसके आधार पर ‘राजप्रशस्ति’ नाम का महाकाव्य लिखा जो यहाँ पाषाण की बड़ी-बड़ी 25 शिलाओं पर खुदवाया।
दारिकाधीश मंदिर
- राजसमंद के ही उप नगर कांकरोली में भगवान द्वारिकाधीश (कृष्ण) का भव्य मंदिर है।
श्रीनाथदारा
- राजसमंद से 16 किलोमीटर दक्षिण में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या आठ पर स्थित है वल्लभ सम्प्रदाय का सप्रसिद्ध तीर्थस्थल नाथद्वारा। वल्लभ मतावलम्बियों की प्रधानपीठ श्रीनाथ जी के मंदिर में श्रीनाथजा की 12वीं शताब्दी की बनी भव्य मूर्ति है।
- नाथद्वारा में संगीत और चित्रकला को बड़ा प्रश्रय मिला। नाथद्वारा का मंदिर हवेली संगीत का केन्द्र रहा है।
हल्दीघाटी
- नाथद्वारा से लगभग 15 किलोमीटर पश्चिम में खमनौर की तरफ जाने वाले सड़क मार्ग पर स्थित है मेवाड़ की इतिहास प्रसिद्ध रणस्थली हल्दीघाटी। सन् 1576 में शौर्य और पराक्रम के साकार प्रतीक महाराणा प्रताप तथा मानसिंह के नेतृत्व में मुगल सम्राट अकबर की सेना का ऐतिहासिक युद्ध यहीं हुआ था।
कुंभलगढ़ दुर्ग
- राजसमंद जिला मुख्यालय से लगभग 60 किलोमीटर दूर केलवाड़ा ग्राम से 7 किलोमीटर की दूरी पर अरावली पर्वत श्रृंखला के मध्य समद्र तल से तीन हजार 568 फीट की ऊँचाई पर स्थित है ऐतिहासिक कुंभलगढ़ दुर्ग। यह दुर्ग सन् 1448 ई. में महाराणा कुंभा द्वारा बनवाया गया था।
- पहला महल झाली रानी का महल है जिसका निर्माण उदयसिंह की रानी झाली के नाम से कराया गया था। इससे कुछ ही कदम के फासले पर नारछाती तलैया और तोपखाना है। इसके बाद माँ दुर्गा का मंदिर है जिसे ‘नव चौकी’ के नाम से जाना जाता है।
चारभुजा जी का मंदिर
- राजसमंद जिला मुख्यालय से लगभग 42 किलोमीटर दान कस्बे में वैष्णव संप्रदाय का एक अन्य तीर्थ स्थित है ‘श्री चारभ का मंदिर’। प्रतिवर्ष देवझूलनी एकादशी पर यहाँ भव्य मेला लागता है।
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