उपसर्ग (UPSARG)
परिभाषा, भेद और उदाहरण- UPSARG IN HINDI
उपसर्ग की परिभाषा
· संस्कृत एवं संस्कृत से उत्पन्न भाषाओं में उस अव्यय या शब्द को उपसर्ग (prefix) कहते हैं जो कुछ शब्दों के आरंभ में लगकर उनके अर्थों का विस्तार करता अथवा उनमें कोई विशेषता उत्पन्न करता है। उपसर्ग = उपसृज् (त्याग) + घञ्। जैसे – अ, अनु, अप, वि, आदि उपसर्ग है।
or
उपसर्ग = उप (समीप) + सर्ग (सृष्टि करना) इसका अर्थ है- किसी शब्द के समीप आ कर नया शब्द बनाना। जो शब्दांश शब्दों के आदि में जुड़ कर उनके अर्थ में कुछ विशेषता लाते हैं, वे उपसर्ग कहलाते हैं।
‘हार’ शब्द का अर्थ है पराजय। परंतु इसी शब्द के आगे ‘प्र’ शब्दांश को जोड़ने से नया शब्द बनेगा – ‘प्रहार’ (प्र + हार) जिसका अर्थ है चोट करना।इसी तरह ‘आ’ जोड़ने से आहार (भोजन), ‘सम्’ जोड़ने से संहार (विनाश) तथा ‘वि’ जोड़ने से ‘विहार’ (घूमना) इत्यादि शब्द बन जाएँगे।उपर्युक्त उदाहरण में ‘प्र’, ‘आ’, ‘सम्’ और ‘वि’ का अलग से कोई अर्थ नहीं है, ‘हार’ शब्द के आदि में जुड़ने से उसके अर्थ में इन्होंने परिवर्तन कर दिया है। इसका मतलब हुआ कि ये सभी शब्दांश हैं और ऐसे शब्दांशों को उपसर्ग कहते हैं।
हिन्दी में प्रचलित उपसर्गों को निम्नलिखित भागों में विभाजित किया जा सकता है।
1. संस्कृत के उपसर्ग
2. हिन्दी के उपसर्ग
3. उर्दू और फ़ारसी के उपसर्ग अंग्रेज़ी के उपसर्ग
4. उपसर्ग के समान प्रयुक्त होने वाले संस्कृत के अव्यय।
संस्कृत के उपसर्ग
संस्कृत में बाइस (22) उपसर्ग हैं। प्र, परा, अप, सम्, अनु, अव, निस्, निर्, दुस्, दुर्, वि, आ (आङ्), नि, अधि, अपि, अति, सु, उत् /उद्, अभि, प्रति, परि तथा उप।
उदाहरण
· अति – (आधिक्य) अतिशय, अतिरेक;
· अधि – (मुख्य) अधिपति, अध्यक्ष
· अधि – (वर) अध्ययन, अध्यापन
· अनु – (मागुन) अनुक्रम, अनुताप, अनुज;
· अनु – (प्रमाणें) अनुकरण, अनुमोदन.
· अप – (खालीं येणें) अपकर्ष, अपमान;
· अप – (विरुद्ध होणें) अपकार, अपजय.
· अपि – (आवरण) अपिधान = अच्छादन
· अभि – (अधिक) अभिनंदन, अभिलाप
· अभि – (जवळ) अभिमुख, अभिनय
· अभि – (पुढें) अभ्युत्थान, अभ्युदय.
· अव – (खालीं) अवगणना, अवतरण;
· अव – (अभाव, विरूद्धता) अवकृपा, अवगुण.
· आ – (पासून, पर्यंत) आकंठ, आजन्म;
· आ – (किंचीत) आरक्त;
· आ – (उलट) आगमन, आदान;
· आ – (पलीकडे) आक्रमण, आकलन.
· उत् – (वर) उत्कर्ष, उत्तीर्ण, उद्भिज्ज
· उप – (जवळ) उपाध्यक्ष, उपदिशा;
· उप – (गौण) उपग्रह, उपवेद, उपनेत्र
· दुर्, दुस् – (वाईट) दुराशा, दुरुक्ति, दुश्चिन्ह, दुष्कृत्य.
· नि – (अत्यंत) निमग्न, निबंध
· नि – (नकार) निकामी, निजोर.
· निर् – (अभाव) निरंजन, निराषा
· निस् (अभाव) निष्फळ, निश्चल, नि:शेष.
· परा – (उलट) पराजय, पराभव
· परि – (पूर्ण) परिपाक, परिपूर्ण (व्याप्त), परिमित, परिश्रम, परिवार
· प्र – (आधिक्य) प्रकोप, प्रबल, प्रपिता
· प्रति – (उलट) प्रतिकूल, प्रतिच्छाया,
· प्रति – (एकेक) प्रतिदिन, प्रतिवर्ष, प्रत्येक
· वि – (विशेष) विख्यात, विनंती, विवाद
· वि – (अभाव) विफल, विधवा, विसंगति
· सम् – (चांगले) संस्कृत, संस्कार, संगीत,
· सम् – (बरोबर) संयम, संयोग, संकीर्ण.
· सु – (चांगले) सुभाषित, सुकृत, सुग्रास;
· सु – (सोपें) सुगम, सुकर, स्वल्प;
· सु – (अधिक) सुबोधित, सुशिक्षित.
Upsarg in Hindi PDF download
*************
इनको भी जरुर Download करे :-
General Knowledge PDF |
General Science PDF |
Current Affiars PDF |
Maths & Reasoning PDF |
E-Book PDF |
Top 100 Gk Questions PDF |
Note :- दोस्तों इस PDF को ज्यादा से ज्यादा अपने दोस्तों के साथ शेयर करे !