परिमेय तथा अपरिमेय संख्या की परिभाषा
नमस्कार दोस्तों GkNotesPDF में आपका स्वागत है। आज का हमारा टॉपिक है की ‘परिमेय और अपरिमेय संख्या क्या है ?’, ‘इन दोनों संख्याओं के बीच अंतर क्या है ?’ जैसे कुछ प्रश्नों में हम अक्सर उलझ जाया करते है। क्योंकि ये दोनों है ही थोड़ा complicated पर चिंता की कोई बात नहीं क्योंकि आज इस पेज को पढ़ने के बाद आपके वो सभी confusion दूर हो जायेंगे जो परिमेय (Rational) और अपरिमेय संख्याओं (Irrational numbers)से सम्बंधित है।
परिमेय और अपरिमेय संख्याओं की कुछ महत्वपूर्ण गुणधर्म और उदाहरण है जिन्हे हमें याद रखना अत्यंत आवश्यक है क्योंकि वो सभी विषयों से सम्बंधित प्रश्न ही एग्जाम में पूछे जाते है। तो आज हम उन्ही महत्वपूर्ण विषयों के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे ताकि जब हम परीक्षा में बैठे तो हमसे परिमेय और अपरिमेय संख्याओं से सम्बंधित कोई भी प्रश्न न छूटे।
parimey aur aparimey sankhya kya hai
परिमेय संख्या:-
- वैसी पूर्णांक संख्याएँ जिन्हे अनुपात के रूप में व्यक्त किया जा सकता हो तथा जिनका हर शून्य न हो उसे परिमेय संख्या कहा जाता है। परिमेय संख्याओं के अंश और हर को आमतौर पर [p /q] के रूप में व्यक्त किया जाता है। जहाँ q शून्य नहीं होता है।
अपरिमेय संख्या:-
- वैसी पूर्णांक संख्या जिन्हे अनुपात के रूप में व्यक्त नहीं किया जा सकता है। वे सभी संख्याएँ अपरिमेय संख्याओं की श्रेणी में आती है।
परिमेय और अपरिमेय संख्या में अंतर
- वैसी पूर्णांक संख्याए जिन्हे अनुपात [p/q, q ≠ 0] के रूप में व्यक्त किया जा सकता है, उसे परिमेय संख्या तथा वैसी पूर्णांक संख्याए जिन्हे अनुपात [p/q] के रूप में व्यक्त नहीं किया जा सकता है, उसे अपरिमेय संख्या कहते हैं।
परिमेय और अपरिमेय संख्याओं का उदाहरण
परिमेय संख्या का उदाहरण :-
- 4, 2/3, 0.001, 2/10 जैसे और भी बहुत सारे संख्याओं को अनुपात के रूप में व्यक्त किया जा सकता है।
अपरिमेय संख्या का उदाहरण :-
- √2, √3, पाई, गोल्डेन संख्या, यूलर संख्या आदि अपरिमेय संख्याओं की श्रेणी का एक महत्वपूर्ण भाग है।
परिमेय और अपरिमेय संख्याओं का गुणनफल क्या होता है ?
- यदि एक परिमेय संख्या और एक अपरिमेय संख्या को गुना किया जाए तो हमे एक अपरिमेय संख्या ही प्राप्त होगी।
-
जैसे- 5 * 2√3 = 10√3 [ यह एक अपरिमेय संख्या का उदाहरण है। ]
- 3√2 * 4 = 12√2 [ एक एक अपरिमेय संख्या का उदहारण है। ]
- इन उदाहरणों से यह पूर्णतः स्पष्ट हो जाता है की परिमेय और अपरिमेय संख्याओं का उत्पाद/ गुणनफल एक अपरिमेय संख्या ही होती है।
परिमेय और अपरिमेय संख्याओं का योग क्या होता है ?
- जब दो संख्याओं जिनमे से एक परिमेय और एक अपरिमेय संख्या है को जोड़ा जाता है तो हमे एक अपरिमेय संख्या ही प्राप्त होती है।
- जैसे – 2 + 3√3 = 2+3√3 [यह एक अपरिमेय संख्या है।]
- आप ऊपर दिए गए उदाहरणों को देखकर यह अंदाजा लगा सकते है की परिमेय और अपरिमेय संख्या को जोड़ने पर एक अपरिमेय संख्या ही प्राप्त होती है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)-
parimey aur aparimey sankhya Question in hindi
(A) शून्य
(B) 1
(C) -1
(D) 2
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2. सबसे छोटी पूर्ण संख्या है
(A) शून्य
(B) 1
(C) -1
(D) 2
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3. सभी धनात्मक एवं ऋणात्मक संख्याओं को संयुक्त रूप से कहा जाता है
(A) प्राकृत संख्याएँ
(B) पूर्ण संख्याएँ
(C) पूर्णांक
(D) अपरिमेय संख्याएँ
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4. पूर्ण संख्याएँ किस संक्रिया के अंतर्गत संवृत नहीं होती ?
(A) योग के
(B) व्यवकलन के
(C) गुणन के
(D) (A) और (C) दोनों
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5. पूर्णांक किस संक्रिया के अंतर्गत संवृत नहीं होते हैं ?
(A) योग के
(B) व्यवकलन के
(C) गुणन के
(D) भाग के
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6. ऐसी संख्या क्या क हलाती है जिसे के रूप में लिखा जा सकता हो, जहाँ p और q पूर्णांक हैं तथा q ≠ 0 है ?
(A) परिमेय संख्या
(B) पूर्ण संख्या
(C) अपरिमेय संख्या
(D) प्राकृत संख्या
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7. यदि 5 और 8 पूर्णांक हों तो निम्नलिखित में से कौन-सा पूर्णांक नहीं होगा ?
(A) 5 + 8
(B) 5 – 8
(C) 5 x 8
(D) 5 ÷ 8
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8. परिमेय संख्याएँ किस संक्रिया के अंतर्गत संवृत नहीं होती हैं ?
(A) योग के
(B) भाग के
(C) व्यवकलन के
(D) गुणन के
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9. परिमेय संख्याएँ किस संक्रिया के अंतर्गत संवृत होती हैं ?
(A) योग के
(B) व्यवकलन के
(C) गुणन के
(D) (A), (B) व (C) तीनों
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10. परिमेय संख्याएँ किस संक्रिया के अंतर्गत क्रमविनिमेय नहीं होती ?
(A) योग के
(B) गुणन के
(C) व्यवकलन के
(D) (A) व (B) दोनों के