MP Sichai Pariyojna (मध्यप्रदेश में सिचाईं PDF)
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MP Sichai Pariyojna (मध्यप्रदेश में सिचाईं (सिंचाई तंत्र / व्यवस्था)परियोजना)
- मध्य प्रदेश में औसत वार्षिक वर्षा75-125 सेंमी. होती है। प्रत्येक वर्ष वर्षा के एकरूप न होने से यहां कृषि को काफी नुकसान पहुंचता है। वर्षा काल में परिवर्तन भी सूखे की स्थिति ला देता है।
- सिंचाई धरातल के जल तथा भूमिगत जल से की जाती है। धरातल का जल नदियों, नहरों और तालाबों से प्राप्त होता है तथा भूमिगत जल कुंओं तथा नलकूपों द्वारा उपलब्ध होता है।
- मध्य प्रदेश में सिंचाई के प्रमुख तीन साधन हैं- नहरें 2. तालाब 3. कुएं।
MP Sichai Pariyojna PDF
मध्य प्रदेश की संयुक्त सिंचाई परियोजनाएं / Madhya Pradesh ki Sichai Pariyojna
सिंचाई परियोजना | भागीदारी राज्य |
बाघ परियोजना | मध्य प्रदेश व महाराष्ट्र |
पेंच परियोजना | मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा गांव महाराष्ट्र के नागपुर |
चंबल घाटी परियोजना के अंतर्गत गांधी सागर, राणा प्रताप सागर, जवाहर सागर, कोटा बैराज एवं इनकी नहर प्रणालियां | मध्यप्रदेश व राजस्थान |
काली सागर परियोजना | मध्य प्रदेश व महाराष्ट्र |
बावनथड़ी परियोजना | मध्य प्रदेश व महाराष्ट्र |
सरदार सरोवर परियोजना | मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान |
रानी लक्ष्मी बाई पर योजना के अंतर्गत राजघाट बाई तट नहर, दतिया बवानहर,सिंहपुर, बैराज, बहुउद्देशीय परियोजना, उर्मिल परियोजना, राजघाट दाई तट नहर, केन | मध्य प्रदेश उत्तर प्रदेश |
ईव परियोजना( उड़ीसा), मध्य प्रदेश की सपनाई परियोजना, कुरनाला संयुक्त परियोजना ,लोअर संयुक्त परियोजना ,लोअर कोबाल संयुक्त परियोजना | मध्य प्रदेश व उड़ीसा |
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