Direction Questions with Answers PDF in Hindi
दिशा परीक्षण ( Direction Test )
- इस अध्याय का प्रमुख उद्देश्य विद्यार्थी के दिशा संबंधी ज्ञान की जाँच करना होता है। इसके अन्तर्गत निम्न प्रकार के प्रश्न पूछे जाते है।
1. प्रारंभिक बिन्दु से अंतिम बिन्दु की दूरी ज्ञात करना।
2. प्रारंभिक बिन्दु से अंतिम बिन्दु की दिशा ज्ञात करना।
3. अंतिम बिन्दु से प्रारंभिक बिन्दु की दिशा ज्ञात करना।
4. वर्तमान की दिशा ज्ञात करना।
महत्वपूर्ण तथ्य
- दिशा परीक्षण में निपुणता के लिए सर्वप्रथम दिशाओं का ज्ञान होना आवश्यक है।
2. दिशाएं चार होती है -उत्तर, दक्षिण, पूर्व, पश्चिम। इन दिशाओं को मूल दिशा कहा जाता है।
3. प्रत्येक दिशा अपने दायें या बायें आने वाली दिशाओं से 90 डिग्री के अंतर पर विद्यमान रहती है।
4. दिशाओं को याद रखने के लिए ‘पप ऊँदरा पकड़ने गया।’ ये वाक्य याद रखना चाहिए। इस वाक्य के अनुसार प से पश्चिम तथा पू से पूर्व दिशा बनेगी। पपू में पहला शब्द ‘प’ से पश्चिम है अतः पश्चिम दिशा लिखकर ‘पू’ से पूर्व दिशा को बाये से दायें लिखा जाता है। इसी तरह। ऊँदरा शब्द में ‘ऊ’ से उत्तर तथा ऊपर दोनों शब्द बनते है। अतः उत्तर हमेशा ऊपर लिखी जाती है तथा ‘द’ से दक्षिण दिशा बनाकर नीचे लिखी जाती है।
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कागज या मानचित्र पर दिशाएँ
- कागज या पेज पर हमेशा उत्तर दिशा हमेशा ऊपर, दक्षिण दिशा हमेशा नीचे, पश्चिम दिशा हमारे बायें हाथ की ओर तथा पूर्व दिशा हमारे बायें हाथ की ओर माननी चाहिए। अतः प्रश्न हल करते समय इसी प्रकार दिशायें मानना सुविधा जनक रहता है।
(i) उत्तर, पूर्व, दक्षिण व पश्चिम मुख्यतः चार दिशाएँ हैं।
(ii) चार उप दिशाएँ है : उत्तर – पूर्व या (North-East), दक्षिण- पूर्व या (South-East), दक्षिण-पश्चिम या (South-West) और उत्तर-पश्चिम या (North-West).
(iii) अर्थात् उत्तर तथा पूर्व के मध्य की दिशा उत्तर-पूर्व, दक्षिण तथा पूर्व के मध्य की दिशा दक्षिण-पूर्व, दक्षिण तथा पश्चिम के मध्य की दिशा को दक्षिण पश्चिम एवं उत्तर तथा पश्चिम के मध्य की दिशा को उत्तर-पश्चिम के नाम से जाना जाता है।
नोट:-दिशाओं से संबंधित प्रश्नों में कभी-कभार वस्तु या व्यक्ति के प्रारंभ की दिशा नहीं दी जाती है। इस अवस्था में व्यक्ति को किसी भी दिशा में चलाकर प्रश्नानुसार दिशाएँ निर्धारित की जाती है।
वामावर्त तथा दक्षिणावर्त घूर्णन
- दायें। दक्षिणावर्त/ बायें से दायें-यदि कोई व्यक्ति दाँयी तरफ मडता है तो वह घड़ी की सुई के चलने की दिशा में मुड़ेगा, इसे दक्षिणावर्त घूर्णन कहते है।
2. बायें/ वामावर्त/ दायें से बायें-यदि कोई व्यक्ति बाँयी तरफ मुड़ता है। तो वह घड़ी की सुई के चलने की विपरीत दिशा में मुड़ेगा, इसे वामावर्त घूर्णन कहते है।
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