Physics Class 12th Magnetic Effect of electric current Notes in Hindi PDF
Magnetic field in hindi चुंबकीय क्षेत्र की परिभाषा क्या होता है ? ,मात्रक ,विमीय सूत्र , चुंबकीय क्षेत्र किसे कहते हैं ?
परिभाषा :
- “ऐसा क्षेत्र जिसमे किसी बिंदु पर रखी गयी चुंबकीय सुई एक निश्चित दिशा में ठहरती है इसे क्षेत्र को चुंबकीय क्षेत्र कहते है।”
- चुंबकीय सुई जिस दिशा में ठहरती है इसे चुंबकीय क्षेत्र की दिशा कहते है।
- अतः यह एक सदिश राशि है इसे B से प्रदर्शित करते है इसका SI मात्रक वेबर/वर्गमीटर (Weber/m2) या टेसला (Tesla) है। तथा इसकी विमा (विमीय सूत्र ) M1L0T-2A-1 है।
चुम्बकत्व
- लगभग 600 ईसा पूर्व से ज्ञात है कि मैग्नेटाइट नामक खनिज पदार्थ के टुकड़ों में लोहे के पदार्थों को आकर्षित करने का गुण है। ऐसे पदार्थो को चुम्बक कहा गया एवं लोहे को आकर्षित करने के गुण को चुम्बकत्व कहा गया। प्रकृति में मिलने के कारण इन्हें प्राकृतिक चुम्बक कहते हैं। रासायनिक रूप से यह लोहे का ऑक्साइड होता है। इसकी कोई निश्चित आकृति नहीं होती है। कुछ पदार्थों को कृत्रिम विधियों द्वारा चुम्बक बनाया जा सकता है, जैसे लोहा, इस्पात, कोबाल्ट आदि। इन्हें कृत्रिम चुम्बक कहते हैं। ये विभिन्न आकृति की होती है, जैसे- छड़ चुम्बक, घोड़ा-नाल चुम्बक, चुम्बकीय सूई आदि।
चुम्बक के गुण
- आकर्षण- चुम्बक में लोहे, इस्पात आदि धातुओं को अपनी ओर आकर्षित करने की क्षमता होती है। यदि किसी चुम्बक को लौह बुरादों के पास लाया जाय, तो बुरादा चुम्बक में चिपक जाता है। चिपके हुए बुरादे की मात्रा, चुम्बक के दोनों सिरों पर सबसे अधिक एवं मध्य में सबसे कम होती है। इससे यह निष्कर्ष निकलता है कि चुम्बक की आकर्षण शक्ति उसके दोनों किनारों पर सबसे अधिक एवं मध्य में सबसे कम होती है। चुम्बक के किनारे के दोनों सिरों को चुम्बक के ध्रुव कहलाते हैं।
दिशात्मक गुण–
- यदि किसी चुम्बक को धागे से बाँधकर मुक्त रूप से लटका दिया जाय, तो स्थिर होने पर उसका एक ध्रुव उत्तर की ओर और दूसरा ध्रुव दक्षिण की ओर हो जाता है। उत्तर दिशा सूचित करने वाले ध्रुव को चुम्बक का उत्तरी ध्रुव या धनात्मक ध्रुव (छवजी च्वसम वत ़ अम च्वसम) तथा दक्षिण दिशा सूचित करने वाले ध्रुव को चुम्बक का दक्षिणी ध्रुव या ऋणात्मक ध्रुव (ैवनजी च्वसम वत दृ अम च्वसम) कहते है। चुम्बक के उत्तरी ध्रुव को छ से एवं दक्षिणी ध्रुव को ै से व्यक्त करते है। दंड चुम्बक के दोनों ध्रुव से होकर गुजरने वाली काल्पनिक सरल रेखा को उसे चुम्बक का चुम्बकीय अक्ष कहते है। दोनों ध्रुव के बीच की दूरी को चुम्बकीय लम्बाई कहते है। मुक्त रूप से लटकता हुआ दंड चुम्बक जब स्थिर होता है तब उसके अक्ष से होकर गुजरने वाली एक ऊर्ध्वाधर समतल को चुम्बकीय याम्योत्तर कहते है।
ध्रुवों का आकर्षण एवं प्रतिकर्षण–
- दो चुम्बको के असमान ध्रुव (अर्थात उत्तरी दक्षिणी) एक दूसरे को आकर्षित करते है तथा दो समान ध्रुव (अर्थात उत्तरी-उत्तरी या दक्षिणी-दक्षिणी) एक-दूसरे को प्रतिकर्षित करते है। एक विलग ध्रुव का कोई अस्तित्व नहीं होता है। किसी चुम्बक को बीच से तोड़ देने पर इसके ध्रुव अलग-अलग नहीं होते, बल्कि टूटे हुए भाग पुनः चुम्बक बन जाते है तथा प्रत्येक भाग में उत्तरी तथा दक्षिणी ध्रुव उत्पन्न हो जाते है। अतरू एक अकेले चुम्बकीय ध्रुव का कोई अस्तित्व नही होता है।।
चुम्बकीय प्रेरण–
- चुम्बक चुम्बकीय पदार्थों में प्रेरण द्वारा चुम्बकत्व उत्पन्न कर देता है। नर्म लोहे की छड़ को किसी शक्तिशाली चुम्बक के एक ध्रुव के समीप लायें, तो वह छड़ भी एक चुम्बक बन जाती है। छड़ के उस सिरे पर जो चुम्बक के ध्रुव के समीप है, विपरीत ध्रुव बनता है तथा छड़ के दूसरे छोर पर समान ध्रुव बनता है। इस घटना को चुम्बकीय प्रेरण कहते है।
चुम्बकीय क्षेत्र–
- चुम्बक के चारों और का वह क्षेत्र, जिसमें चुम्बक के प्रभाव का अनुभव किया जा सकता है, चुम्बकीय क्षेत्र कहलाता है। चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा चुम्बकीय सूई से निर्धारित की जाती हैं। चुम्बकीय क्षेत्र का मात्रक ब्ण्ळण्ैण् पद्धति में गौस तथा ैण्प्ण् पद्धति में टेसला होता है। (1 ळंनेे = 10-4 ज्मेसं)
चम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता या, चुम्बकीय तीव्रता-
- चुम्बकीय क्षेत्र में क्षेत्र के लम्बवत् एकांक लम्बाई का ऐसा चालक तार रखा जाए जिसमें एकांक प्रबलता की धारा प्रवाहित हो रही हो, तो चालक पर लगने वाला बल ही चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता की माप होगी। चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता एक सदिश राशि है। इसका मात्रक न्यूटर/ऐम्पीयर मीटर अथवा वेबर/मी.2- या टेसला (ज्) होता है।
चुम्बकीय क्षेत्र की अभिधारणा (concept of magnetic field) :
- वह क्षेत्र जिसमें एक छोटी चुम्बकीय सुई किसी बिंदु पर सदैव एक निश्चित दिशा में ठहरती है , चुम्बकीय क्षेत्र कहलाता है। यह एक सदिश राशि है अर्थात इसके बिंदु से एक वेक्टर राशि सम्बद्ध होती है। इस राशि को B से प्रदर्शित करते है। चुम्बकीय सुई चुम्बकीय क्षेत्र में किसी बिंदु पर इसी क्षेत्र B की दिशा में ठहरती है। स्पष्ट है कि चुम्बकीय क्षेत्र में रखी गयी चुम्बकीय सुई उस स्थान पर चुम्बकीय क्षेत्र B की दिशा का संकेत देती है। यदि किसी स्थान में चुम्बकीय क्षेत्र समान है तो चुंबकीय सुई उस स्थान पर एक ही दिशा में ठहरती है लेकिन असमान चुम्बकीय क्षेत्र में प्रत्येक बिंदु पर उसकी दिशा बदलती है।
Physics Class 12th Objective Questions And Answers in Hindi
Q. एक आवेशित चालक के किसी बिंदु पर विधुतीय क्षेत्र की तीव्रता :-
(A) शुन्य
(B) सतह के लंबवत होती है
(C) सतह के स्पर्शीय होता है
(D) सतह 45 डिग्री से पर होती है
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Q. निम्नलिखित में कौन सदिश राशि है :-
(A) आवेश
(B) धारिता
(C) विधुतीय-क्षेत्र
(D) विधुतीय-धारा
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Q. विधुतीय-क्षेत्र में किसी विधुत द्विध्रुव को घुमाने में किया गया कार्य होता है :-
(A) W = pE(1 – cosθ)
(B) W = pE tanθ
(C) W = pE secθ
(D) None of these
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Q. कूलंब बल है
(A) केंद्रीय बल
(B) विद्युत बल
(C) दोनों A & B
(D) इनमें से कोई नहीं
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Q. 1 कूलॉम आवेश बराबर होता है –
(A) 3 × 10⁹ e.s.u.
(B) 9 × 10⁹ e.s.u.
(C) 8.85 × 10−¹² e.s.u.
(D) कोई नही
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Q. आवेश के पृष्ठ घनत्व का मात्रक होता है।
(A) कूलम्ब / मीटर²
(B) न्यूटन / मीटर
(C) कूलम्ब / मीटर
(D) कूलंब मीटर
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Q. जब किसी वस्तु को आवेशित किया जाता है तो उसका द्रव्यमान।
(A) बढ़ता है
(B) घटता है
(C) अचर रहता है
(D) बढ़ या घट सकता
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Q. विद्युत क्षेत्र की तीव्रता का मात्रक होता है
(A) न्यूटन कूलम्ब
(B) न्यूटन / कूलम्ब
(C) वोल्ट मीटर
(D) कूलम्ब / न्यूटन
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Q. एक चालक खोखले गोले के केंद्रों पर आवेश Q है । चालक पर नेट आवेश शून्य हैं । चालक की बाहरी सतह पर आवेश होगा ?
(A) 0
(B) Q
(C) -Q
(D) 3Q
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Q. यदि 1000 बूंदें सामान आकार के एवं जिसमें प्रत्येक की धारिता 5 uF मिलकर एक बड़ी बूंद बनाती है तो बड़ी बूंद की धारिता होगी
(A) 50 uF
(B) 100 uF
(C) 20 uF
(D) None
उत्तर : – ?????
12th Physics Chapter-7 [विद्युत धारा के चुम्बकीय प्रभाव] PDF
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