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पाली जिले में पर्यटन की द्ष्टि से महत्वपूर्ण दर्शनिक स्थल
जिला-पाली
रणकपुर (राणकपुर) तीर्थ
- जिले के सादड़ी कस्बे से करीब आठ-दस किलोमीटर दूर मधाई नदी के तट पर स्थित रणकपुर के जैन मंदिर अपने बेजोड़ स्थापत्य एवं उत्कृष्ट शिल्प कला के कारण देश-विदेश में विख्यात हैं। विविध प्रकार के 24 मण्डपों से सुसज्जित 1444 स्तम्भों सहित चार सिंह द्वार व 84 देव कुलिकाओं के द्वारा सुशोभित रणकपुर जैन मंदिर दर्शनार्थियों के आकर्षण का मुख्य केन्द्र है।
- उदयपुर के महाराणा कुम्भा के शासनकाल में उनके मंत्री धरणाशाह ने शिल्पी देपा से इस विशाल एवं भव्य चतुर्मुखी मंदिर का निर्माण करवाया था। पर्यटकों के लिए यहाँ ‘शिल्पी’ ट्यूरिस्ट बंगले में समुचित सुविधाएँ हैं।
सादड़ी
- रणकपुर के निकट ही स्थित सादड़ी में खूबसूरत मंदिर व खुदाबख्श बाबा की दरगाह दर्शनीय स्थल है। पास ही ‘घाणेराव’ में भी गजानंद मंदिर प्रसिद्ध है जिसमें रिद्धी-सिद्धी की प्रतिमाएँ भी स्थापित हैं।
मुच्छाला महावीर
- घाणेराव से पाँच किलोमीटर दूर कुंभलगढ़ अभयारण्य क्षेत्र में मुच्छाला महावीर का प्रसिद्ध मंदिर है।
निम्बों का नाथ
- फालना-साण्डेराव मार्ग पर पहाड़ी की तलहटी में निम्बों का नाथ महादेव का भव्य व विशाल मंदिर पर्यटकों को बरबस ही आकृष्ट कर लेता है।
चामुण्डा मंदिर
- निमाज कस्बे के निकट जंगल में राजा भोज का बनवाया हुआ प्राचीन चामुण्डा माता का मंदिर पुरातात्विक महत्त्व का प्रमुख स्थल है।
जूनाखेड़ा
- देसूरी तहसील के नाडोल कस्बे के निकट पुरातात्विक महत्त्व का स्थल जूनाखेड़ा स्थित है।
नारलाई
- नाडोल के समीप ‘नारलाई’ ग्राम का भी ऐतिहासिक महत्त्व है। यहाँ की भंवर गुफा’ दर्शनीय है। यहाँ पर एक हैरिटेज होटल भी है।
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