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सीकर जिले में पर्यटन की द्ष्टि से महत्वपूर्ण दर्शनिक स्थल
जिला-सीकर
हर्ष गिरी (हर्षनाथ)
- सीकर नगर से 24 किलोमीटर दक्षिण में अरावली के 3 हजार 110 फीट ऊँचे पहाड़ी शिखर हर्षगिरी पर दसवीं शताब्दी का प्राचीन शिवालय दर्शनीय है।
जीणमाता
- सीकर जिला मुख्यालय से 30 किलोमीटर दूर गोरियाँ के निकट रैवासा में दसवीं सदी का जीण माता का मंदिर दर्शनीय है।
शाकम्भरी माता
- सीकर से 60 किलोमीटर दूर शाकम्भरी शक्ति पीठ है। वि.सं. 749 में चौहान राजा दुर्लभराज के भतीजे तथा शिवहरि के पुत्र सिद्धराज ने शुक्रदेवी (शाकम्भरी) का मण्डप बनवाया।
खाटू श्याम जी
- सीकर से 65 किलोमीटर दूर खाटू ग्राम में श्याम जी (कृष्ण) का प्रसिद्ध मंदिर है। यहाँ श्याम जी की शीश पूजा ही की जाती है। मुखाकृति दाढ़ी से समन्वित है।
गणेश्वर
- नीम का थाना से 15 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में कांतली नदी के निकट गणेश्वर ग्राम में प्राचीन शिवालय तथा पहाड़ में उष्ण जल का निरंतर प्रवाही स्रोत है, जहाँ लोग स्नान कर पुण्य लाभ प्राप्त करते हैं। इस स्थल पर प्राचीन शिवालय सहित कई मंदिर हैं।
प्रीतमपुरी
- काँवट से 5 किलोमीटर दूर यहाँ एक प्रसिद्ध झील है। सात किलोमीटर लम्बे तथा 5 किलोमीटर चौड़े क्षेत्र में फैली यह सुरम्य झील पर्यटकों के आकर्षण का प्रमुख केन्द्र है।
रेवासा धाम
- गोरियाँ रेलवे स्टेशन से 4 किलोमीटर दूर अरावली श्रेणी की तलहटी में स्थित यह स्थान मध्य युग में चन्देल शासकों तथा तदनन्तर राजा रायसल दरबारी के अधिकार क्षेत्र में था। ग्राम में काले पत्थर की आकर्षक मूर्ति से प्रतिष्ठित कृष्ण का मंदिर लगभग सात सौ वर्ष पुराना है। वर्तमान में यहाँ पर वैष्णव सम्प्रदाय की एक प्रमुख पीठ है।
फतेहपुर
- सीकर से 48 किलोमीटर उत्तर में स्थित फतेहपुर शहर में एक किला है जिसकी स्थापना फतेह खाँ नाम के नवाब ने की थी।
रामगढ़ शेखावाटी
- सीकर से 72 किलोमीटर दूर दक्षिण रामगढ़ (शेखावाटी) में एक पुराना किला है जिसका निर्माण सीकर के राव राजा देवीसिंह ने करवाया था।
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